छत्तीसगढ़रायपुर

मच्छरों के हैबिट व डेंसिटी का पता लगाने जिले में हुआ एंटोमोलोजिकल सर्वे, विशेषज्ञों की टीम ने जिले के विभिन्न स्थानों से लिए सैंपल …

रायपुर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिला पूर्व में सार्वधिक मलेरिया केस के लिए जाना जाता था, जहां वर्ष 2017 में जिले में कुल 11 हजार 8 मलेरिया के रोगी थे, वहीं वर्ष 2020 में कुल 444 मलेरिया के रोगी पाए गए थे। जिले में मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया सहित अन्य दूसरी वेक्टर जनित बीमारी के अध्ययन हेतु राज्य की टीम एंटोमोलोजिकल सर्वे करने आये थे।

रायपुर से आई विशेषज्ञों की टीम बलरामपुर के ग्रामीण इलाको से मच्छरों का सैंपल रायपुर लेकर गयी है, जहां एन.आई.एम.आर. रायपुर में इनकी जांच की जायेगी। जिले में इस वर्ष जनवरी से सितम्बर तक जहां कुल 152 मलेरिया के रोगी है, वहीं अब तक एलाइजा जांच में एक भी डेंगू के रोगी की पुष्टि नहीं हुई है।

एंटोमोलोजिकल टीम में स्टेट एंटोमोलेजिस्ट डॉ. सुबोध धर शर्मा, एंटोमोलोजिस्ट विनिता दुबे, किट संग्रहक तेज राम मण्डावी के अलावा जिला सलाहकार दिव्य किशोर व मुकेश शामिल थे। टीम द्वारा विकासखण्ड बलरामपुर के बड़कीमहरी, सारंगपुर, बलरामपुर के कई गांवों से मच्छरों का सैंपल लिया तथा जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर आने की संभावना है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बसंत सिंह ने बताया कि जिले में मलेरिया व डेंगू के केस में अभी तक वांछित सफलता मिली है तथा वर्ष 2027 तक मलेरिया एलीमिनेशन का लक्ष्य रखा गया है। इसी कारण मच्छरों के हैबिट जानने के लिए जिले में एंटोमोलोजिकल सर्वे कराया गया ताकि मच्छरों की डेंसिटी पता लगाया जा सके, सर्वे के लिए हमने राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा था।

अभी वर्तमान में जिले में मलेरिया के केस कम मिले है, डेंगू के रैपिड टेस्ट जांच में केस मिले थे, जिसका सैंपल एलाइजा जांच हेतु रायगढ़ व अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया था, जहां सभी डेंगू के सैंपल नेगेटिव पाए गए। वर्तमान में जिले में एक भी डेंगू के कन्फर्म केस नहीं है किन्तु फिर भी लोगों को बीमारियों के प्रति सावधानी बरतना चाहिए।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सुबोध ने कहा कि जिले में इस तरह का सर्वे पहली बार हुआ है, जिसके लिए हम टीम के आभारी हैं। अभी जिले में मलेरिया के केस कम है हमारी अपील है कि लोग रात को मच्छरदानी लगाकर सोएं ताकि हम अपने जिले को मलेरिया मुक्त बना सके।

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