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बिजली कर्मियों की हड़ताल स्थगित: कर्मचारी संगठनों के साथ हुई ऊर्जा मंत्री की बैठक,  बोले- एक महीने में मांग होगी पूरी…

जबलपुर। एमपी में 24 से 26 अगस्त तक प्रस्तावित बिजली कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित कर दी गई। भोपाल में यूनाइटेड फोरम फार पावर एम्प्लाईज एंड इंजीनियर्स के साथ ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की अहम बैठक हुई। बैठक में उन्होंने कर्मचारियों की 18 सूत्रीय मांग एक महीने के अंदर पूरी करने का आश्वासन दिया। वित्तीय कठिनाईयों से भी कर्मचारियों को अवगत कराया है। इसके बाद संगठन ने हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया।

फोरम के संयोजक वीकेएस परिहार के मुताबिक बिजली कर्मियों की 18 सूत्रीय प्रमुख मांग थी। इस मांग को ऊर्जा मंत्री ने समय सीमा में निराकृत करने का आश्वासन दिया है। कर्मचारी-अधिकारी संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक में ऊर्जा मंत्री तोमर ने आम लोगों की परेशानियों का भी हवाला दिया। कहा कि वे उनकी समस्याओं पर चर्चा के लिए हर महीने बैठक करेंगे। वित्तीय संबंधी प्रकरणों पर अलग से विचार होगा।

ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी को अब एक झटके में नहीं निकाजा जा सकेगा। इसके लिए एक निर्धारित प्रक्रिया अपनाई जाएगी। अकारण किसी को नहीं हटाया जायेगा। आईटीआई योग्यता वाले कर्मियों को कुशल कर्मचारी का वेतन दिलाने और बीमा में वृद्धि पर विचार किया जाएगा। कोविड से हुई मृत्यु पर समय-सीमा में अनुकंपा नियुक्ति दिलाई जाएगी। एक दिन की हड़ताल पर गए बिजली कर्मचारी:एमपी में 15 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों ने मोबाइल किया बंद, बिजली की फॉल्ट और दूसरी तकनीकी समस्याओं के लिए लोग होते रहे परेशान

इससे पहले 10 अगस्त को बिजली कर्मियों ने हड़ताल किया था। तब वे मोबाइल बंद कर घर से ही नहीं निकले थे। कुछ लोग कार्यालयों में पहुंचे तो संगठन के पदाधिकारियों ने पहुंच कर उन्हें घर भेज दिया था। 24 से 26 अगस्त के बीच फिर हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। इस बार सरकार ने ऊर्जा मंत्री को कर्मचारी संगठनों से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उनके आश्वासन और कर्मचारियों की मांग को एक महीने के अंदर निराकृत कराने के आश्वासन पर हड़ताल स्थगित हो गई।

–  केंद्र सरकार वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिए प्रस्तावित बिजली सुधार अधिनियम-21 लागू न करे।

–  सभी वर्गों के संविदा बिजली कर्मियों को आंध्र और बिहार की तरह नियमिय किया जाए।

–  ठेका कर्मियों की सेवा सुरक्षित रखते हुए तेलंगाना/दिल्ली व हिमाचल प्रदेश की तरह भर्ती की जाए।

–  बिजली कंपनी के सभी अधिकारी कर्मचारीयो को फ्रंट लाइन कर्मचारियों की श्रेणी में रखकर मुख्यमंत्री कोविड-19 का लाभ दिया जाए।

–  रिटायर होने के बाद लंबित ग्रेच्युटी, जीपीएफ, अवकाश नकदीकरण,पेंशन आदि वर्षों से लंबित देय भुगतान तत्काल किया जाए।

–  बिजली कंपनियों में वरिष्ठता और उच्चवेतनमान के आधार पर सभी वर्गों में रिक्त उच्च पदों के चालू प्रभार प्रदान किए जाएं और रिक्त पदों को भरा जाए।

–  मध्य प्रदेश शासन के नियमानुसार सभी प्रकार के मृत्यु प्रकरणों में बिजली अधिकारी-कर्मचारयों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

–  राष्ट्रीय पेंशन योजना में शासकीय अंशदान वेतन और मंहगाई भत्ते का 14 प्रतिशत किया जाए।

–  नियामक आयोग के निर्देशानुसार 750 करोड़ रुपये की राशि पेंशन ट्रस्ट में जमा कर उत्तर प्रदेश शासन की तरह राज्य शासन पेंशन गारंटी लेकर पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से कराए।

–  सातवें वेतनमान की विसंगतियों का निराकरण किया। इसमें वर्ष 2006 के पूर्व एवं बाद में नियुक्त अभियंताओं में वर्गीकरण किया गया है।

–  ट्रांसमिशन कंपनी में नियुक्त आईटीआई की योग्यता रखने वाले परीक्षण सहायक को तृतीय श्रेणी में रखकर 2500 रुपये का ग्रेड-पे निर्धारित किया जाए।

–  वर्ष 2018 के बाद नियुक्त अधिकारी कर्मचारियो के लिए पुरानी वेतन व्यवस्था लागू की जाए।

–  अनुभाग अधिकारी के ग्रेड पे को राज्य शासन के वित्त विभाग के आदेशा अनुसार 4400 रुपए में संशोधित ग्रेड पे 4200 से 4800 रुपए के समान वृद्धि की जाए।

–  ई-वेतनमान से संबंधित सभी वर्गों की विसंगतितियों का निराकरण किया जाए।

–  बिजली मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में मानव संसाधन से संबंधित नियमों में एक रूपता प्रदान की जाए।

–  कंपनी कैडर में कार्यरत सभी नियमित और संविदा कर्मचारियों को गृह जिले में पदस्थ करने की नीति लागू की जाए।

–  कंपनी कैडर के सभी नियमित और संविदा कर्मचारी-अधिकारियों को 50 प्रतिशत और सेवानिवृत कर्मचारी-अधिकारियों को बिजली बिल में 25 प्रतिशत छूट दी जाए।

–  केंद्र के द्वारा घोषित महंगाई भत्ते और 2 वर्षों से रोकी गई वेतन वृद्धि लागू कर बकाया राशि का भुगतान किया जाए।

–  सभी कंपनियों में संगठनात्मक संरचना पुनर्गठित कर ख़ाली पदों को तत्काल भरा जाए।

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