मध्य प्रदेश

प्रदेश में 6 फीसदी बच्चों में खसरा-रूबेला का प्रभाव

भोपाल

स्वास्थ्य विभाग ने टीबी के बाद अब खसरा-रूबेला को जड़ से खत्म करने के लिए संकल्प लिया है। प्रदेश में मौजूदा समय में 6 फीसदी बच्चों में खसरा-रूबेला का प्रभाव है। स्टेट टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर संतोष शुक्ला ने बताया कि लोगों में जागरूकता के अभाव के चलते इस तरह की बीमारियों का अभी भी समाज में अस्तित्व है।

स्वास्थ्य विभाग इन बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह से मैदान में उतर गया है। प्रदेश में 96 फीसदी खसरा-रूबेला पर स्वास्थ्य विभाग ने काबू पा लिया है। उन्होंने बताया कि समाज में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लोगों के बीच जाकर ई-शपथ का फार्म भरवाएगा। आधुनिक तकनीक का स्वास्थ्य के क्षेत्र में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर अब गंभीर हो गया है। प्रदेश के प्रत्येक टीकाकरण केंद्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों से ई-शपथ फार्म भरवाएंगी। जिससे लोग खसरा और रूबेला के प्रति लोग जागरूक होकर समाज में इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक कर सकें।

जिससे समय रहते हुए इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकें। वर्ष 2026 तक  स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 75 हजार आशा कार्यकर्ता को ई-शपथ के लिए विभाग ने जिम्मेदार सौंपी है। अधिकारियों ने बताया कि सूचना की इस क्रांति से लोग एक-दूसरे को इस बीमारी के प्रति जागरूक करेंगे और विभाग समय रहते हुए इस तरह की बीमारियों पर आसानी से काबू पा लेगा।

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