लेखक की कलम से

डम डमा डम डमा डम …

शिव भजन

 

डम डमा डम डमा डम,

डम डम डमरू बाजे रे,

ढोल मंजीरा ले कर हम सब,

भोले संग नाचे रे।

कितना सुंदर रूप अनोखा,

भोले का देखो लागे रे,

पार्वती पति हर हर शम्भो,

कितना प्यारा लागे रे।

भूल गए तो सुध बुध,

प्रेम में सब मिल झूमे रे,

शिव शिव शिव शिव,

बोल बोल सब संग संग झूमे रे।

चलो चढ़ाओ दूध,बेल सब,

आओ मिल अभिषेक करें,

सुंदर से अपने भोले को,

आओ मिल हम सब भजे।

मिट जाएगा हर दुख का रोना,

शिव जो वाणी से भजे,

प्रेम से बोल भोले भोले,

फिर कोई कष्ट क्यो रहे।

डम…

 

©अरुणिमा बहादुर खरे, प्रयागराज, यूपी            

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