डॉ. शिवम अरूण पटनायक मानवीय मूल्यों के साथ फीजी देश में
हाल ही में भारतीय मूल के लोगों के द्वारा फीजी देश में आमंत्रण पर डा. शिवम अरुण पटनायक ने 20 दिनों की यात्रा पूरी की। डॉ अरूण जो कि बिलासपुर के निवासी और छत्तीसगढ़ राज्य में विगत 25 सालों से मानवीय मूल्यों पर मालिन बस्तियों एवं स्कूल महाविद्यालय विश्वविद्यालय एवं केंद्रीय जेलों में अनेक वर्क शॉप आयोजित कर प्रदेश में एवं देश में अपना नाम को सुमार किया। 20 दिनों की फीजी यात्रा में उन्होंने फीजी विश्वविद्यालय एवं स्कूलों और भारतीय मूल्क के फीजी निवासरत लोगों के बीच उन्होंने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
देश के पहले एवं छत्तीसगढ़ के पहले शिक्षाविद हैं जिन्होंने मानवीय मूल्यों पर जोर देते हुए वे भारत का नाम अपना नाम शुमार किया। उनका हमेशा से मानना था पैसे बिना नैतिकता का और शिक्षा बिना चरित्र का जीवन में कोई मोल नहीं। विगत 25 सालों से डॉ पटनायक यही कार्य भारत में करते आ रहे है। उनके इस विषय में अच्छी पकड़ और अनुभव के आधार पर फीजी में भी उन्हे ये अवसर प्रदान किया। अपने यात्रा के दरमियान फीजी में रेडियो फिजी में साक्षत्कार फीजी के लोगों के लिए प्रसारित किया। जिससे कि वहां के देशवासियों ने उन्हें इस विषय पर बोलने के लिए उन्हें सराहा और उनका धन्यवाद व्यक्त किया।
पूर्व में डॉ अरूण पटनायक को अनेको सम्मान राज्य स्तर पर राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों मुख्यमंत्री, राज्यपाल, देश के उपराष्ट्रपति एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मान दिया गया। वर्तमान में डॉ पटनायक देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय एमईटी विश्वविद्यालय में निर्देशक एवं जनसंपर्क विभाग के प्रमुख हैं। उनका हमेशा से यह मानना था कि भारत की संस्कृति सभ्यता विश्व के लिए एक दर्पण के रूप में कार्य करेगी। अगर भारत को विश्व गुरू के रूप में पहचान दिलाना होगा। तो केवल मानवीय मूल्यों पर शिक्षा को केंद्रीत कर आगे बढ़ाना होगा तब यह कार्य अवश्य सफलात दिलायेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर आग्रह किया कि के सभी स्कूलों में महाविद्यालयों में विश्वविद्यालयों में मानवीय मूल्यों की शिक्षा को सेलेबस में लागू कर एक अच्छा चरित्रवान और मूल्यवान छात्र बनाएं। उन्होंने अपने अनुभव में बताया कि जब भारत से बाहर देश इस हेतु प्रयासरत है तो भारत क्यों नहीं क्योंकि इसकी न्यू भारत में महापुरूषों ने पहले ही डाला था। उन्होंने बताया कि आगामी प्रवास अफ्रीका, चाइना, यूएई अप्रैल माह में संभावित है।