राजस्थान

धौलपुर : लेडी सब इंस्पेक्टर को गोली मारने वाले दो दोषियों को 10-10 साल की सजा

धौलपुर.

धौलपुर जिले में लेडी सब इंस्पेक्टर टीनू सोगरवाल को गोली मारने वाले दो बदमाशों को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सावित्री आनंद निर्भीक ने 10-10 साल की सजा सुनाई। साथ ही दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगया गया है। एपीपी कृष्णकांत शर्मा ने बताया राजाखेड़ा पुलिस थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर टीनू सोगरवाल पुलिस टीम के साथ 4 दिसंबर 2017 को थाना इलाके में जुआं के खिलाफ कार्रवाई करने गई थी।

सब इंस्पेक्टर टीनू सोगरवाल पुलिस इमदाद को साथ लेकर रास्ते में जा रही थी। इस दौरान बुलेट बाइक पर बंदूक समेत तीन बदमाश दिखाई दिए। जब पुलिस टीम ने तीनों बदमाशों को रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने पुलिस गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। बदमाशों द्वारा की गई फायरिंग से गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई और सब इंस्पेक्टर टीनू सोगरवाल की गर्दन में भी गोली के छर्रे लगे थे। हालांकि, पुलिस टीम ने बदमाश प्रवेंद्र कुमार और लोकेंद्र को घेराबंदी कर पकड़ लिया। वही, एक अन्य बदमाश पुलिस टीम पर फायरिंग कर जंगलों में कूद कर फरार हो गया। दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। लंबे समय तक चली बहस और दलीलों के बाद जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने प्रवेंद्र कुमार और लोकेंद्र कुमार को जान से मारने की नीयत से हमला करने का दोषी माना है। न्यायाधीश सावित्री आनंद निर्भीक ने दोनों आरोपियों को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को 20-20 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। बदमाश रविंद्र कुमार एवं लोकेंद्र उत्तर प्रदेश के हार्डकोर अपराधी हैं। जिनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के विभिन्न पुलिस थानों में संगीन धाराओं में अभियोग दर्ज हैं।

बाल बाल बची थी जान
सब इंस्पेक्टर एवं वर्तमान ट्रैफिक इंचार्ज टीनू सोगरवाल ने बताया 4 दिसंबर 2017 की रात्रि का मंजर भयानक रहा था। उस समय पर मौत से सीधा मुकाबला हुआ था। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम जुए के अड्डे पर कार्रवाई को अंजाम देने गई थी। लेकिन, रास्ते में उत्तर प्रदेश के हार्डकोर अपराधी प्रवेंद्र कुमार और लोकेंद्र से पुलिस टीम का मुकाबला हो गया। दोनों ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। पुलिस गाड़ी क्षतिग्रस्त होने के साथ उनकी गर्दन में भी गोली का छर्रे लगे थे। इस दौरान उनकी जान बाल-बाल बची थी।

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