लेखक की कलम से
“दुआओं में खुदा से मांग बैठे”
दिल के आईने में
तस्वीर कुछ यूं बनी
ना चाहते हुए भी
तुझे तकदीर बना बैठे
जानते थे तुम हमें
कभी ना मिलोगे
पर दुआओं में हम
तुम्हें खुदा से मांग बैठे
हम तुमसे मोहब्बत
कुछ यूं कर बैठे
कि जीने का सलीका
ही भुला बैठे
तुम राहों से मेरी
दूर कहीं चले गए
हम आहें भरते – भरते
जिंदगी बिता बैठे. . .