नई दिल्ली

दिल्ली-जयपुर हाइवे किसानों ने किया जाम, 25 गांव के लोगों ने किया भारी प्रदर्शन; मोदी सरकार पर लगाया जमीन छीनने का आरोप …

गुरुग्राम।  इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप मानेसर के विस्तार के लिए मोदी सरकार द्वारा 1810 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। किसानों ने अधिग्रहण का विरोध शुरू कर दिया है। वे अधिग्रहण प्रक्रिया को रद्द करने या फिर मार्केट रेट के अनुसार मुआवजे की मांग कर रहे हैं। नाराज किसानों ने शनिवार सुबह दस बजे दिल्ली-जयपुर हाइवे पर स्थित पचगांव चौक पर जाम लगा दिया।

ढाई घंटे तक विरोध जताया। दोपहर साढ़े 12 बजे पुलिस ने बलपूर्वक जाम को खुलवाया और किसानों को हिरासत में लेकर मानेसर थाने में लेकर गए। इस दौरान किसानों के समर्थन के लिए भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे। पुलिस उन्हें मौके से सेक्टर-37 थाने में लेकर गई, जिनको बाद में छोड़ दिया गया। प्रदर्शन करते हुए किसान दिल्ली-जयपुर हाइवे की दोनों लेन पर बैठ गए।

पचगांव चौक पर जाम लगाने से दिल्ली-जयपुर हाइवे से कापड़ीवास तक जाम लग गया। वाहन चालकों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पिछले 53 दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे किसान सरकार के उदासीन रवैये से खफा होकर हाइवे पर पहुंचे। हाइवे के दोनों ओर दरी और हाथों में तिरंगा झंडा लेकर किसान हाइवे पर बैठ गए।

किसान जमीन अधिग्रहण को रद्द करने या फिर मार्केट रेट के अनुसार 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ जमीन का मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। जाम में 25 गांव के 300 से ज्यादा लोग शामिल रहे। किसानों ने 10 बजे से लेकर साढ़े 12 बजे तक जाम लगाकर अधिग्रहण रद्द करने की मांग की।

हाइवे पर जाम की सूचना पर भारी पुलिस बल पहुंचा और किसानों को समझाने के लिए सबसे पहले एसीपी मानेसर सुरेश पहुंचे। उनके द्वारा काफी प्रयास के बाद भी किसान हाइवे से हटने के लिए तैयार नहीं हुए। उसके बाद अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा भी पहुंचे और उन्होंने भी किसानों को जाम खोलने के कहा और उनकी मांग को सरकार तक पहुंचाने की बात कही, लेकिन किसान वहां से नहीं हटे। ऐसे में दोपहर साढ़े 12 बजे पुलिस ने किसानों को बलपूर्वक हाइवे से हटाया।

दिल्ली से जयपुर की तरफ जाने वाले वाहनों को हीरो होंडा चौक से डायवर्ट कर पटौदी के रास्ते से निकाला गया। कुछ वाहनों को केएमपी से निकाला गया। जयपुर की तरफ से आने वाले वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण हाइवे पर जाम लग गया, हालांकि पुलिसकर्मियों ने कापड़ीवास कट और बिलासपुर चौक से वाहनों को डायवर्ट भी किया।

गांव कासन, खोह, कुकडौला, सहरावन की 1810 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। साल 2010 में सेक्शन चार के नोटिस निकाले गए थे। 16 अगस्त को इसके लिए अवार्ड सुनाया जाना है। स्थानीय निवासी मोतीलाल, कासन गांव के सरपंच सत्यदेव ने कहा कि सरकार जबरन जमीन छीनना चाहती है। जाम खुलने के बाद जिला प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई। ग्रामीणों ने मांग रखी है कि उनकी इस मामले में मुख्यमंत्री से दोबारा मुला़कात करवाई जाए। एडीसी विश्राम कुमार मीणा ने इस बाबत उन्हें आश्वस्त किया है।

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