नई दिल्ली

कॉरिडोर समर्पित कर बोले नरेंद्र मोदी, औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं, काशी तो अविनाशी है …

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्राचीन नगरी का महत्व बताया और कहा कि यहां सिर्फ डमरू वाले बाबा की ही चलती है। यही नहीं नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी तो अविनाशी है और इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाया। उन्होंने कहा कि आततायियों ने इस शहर पर हमले किए। औरंगजेब ने तलवार के दम पर संस्कृति को कुचलने की कोशिश की। लेकिन भारत की मिट्टी अलग ही है। यहां कोई औरंगजेब आता है तो शिवाजी उठ खड़े होते हैं और जब कोई सालार मसूद आता है महाराजा सुहेलदेव भी जवाब देने आते हैं।

उन्होंने कहा कि काशी वह स्थान है, जहां जगदगुरु शंकराचार्य को डोमराजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली। यहीं पर तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की थी और कबीरदास से लेकर रविदास तक की धरती यह काशी बनी। छत्रपति शिवाजी महाराज ने यहां प्रेरणा पाई। जैसे काशी अनंत है, ऐसे ही उसका योगदान भी अनंत है। उन्होंने कहा कि काशी पर औरंगजेब ने उत्याचार किए। यहां मंदिर तोड़ा गया तो माता अहिल्याबाई होलकर ने इसका निर्माण कराया। उनकी जन्मभूमि महाराष्ट्र थी और इंदौर कर्मभूमि था। 250 साल पहले उन्होंने जो किया था, उसके बाद से अब जाकर यह बड़ा काम हुआ है। पूज्य नानकदेव जी काशी आए थे और महाराजा रणजीत सिंह ने 23 मन सोना दान किया था। यही भारत की एकता का सूत्र है।

अपने संसदीय क्षेत्र आए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का भारत हीनता के विचार से बाहर निकल रहा है। आज का भारत सिर्फ सोमनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण ही नहीं करता बल्कि ऑप्टिकल फाइबर भी बिछा रहा है। एक तरफ केदारनाथ मंदिर का पुनरुद्धार हो रहा है तो वहीं हम इसरो के मिशन भी लॉन्च कर रहे हैं। आज का भारत न सिर्फ बाबा विश्वनाथ धाम को नया रूप दे रहा है बल्कि करोड़ों गरीबों के घर भी बन रहे हैं। आज भगवान राम से जुड़े स्थानों को जोड़ा जा रहा है। करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण हुआ है तो हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए रोपवे बनाने की तैयारी है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे पुराणों में कहा गया है कि काशी में जैसे ही कोई आता है तो सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। आज आदिकाशी की अलौकिकता में एक अलग ही आभा और स्पंदन है। शाश्वत बनारस में आज अलग ही सामर्थ्य दिख रहा है। कहा जाता है कि जब कोई अलौकिक होता है तो सारी शक्तियां काशी में बाबा के दरबार में आ जाती हैं। ऐसा लग रहा है कि हमारा पूरा चैतन्य ब्रह्मंड इससे जुड़ा हुआ है। बाबा की लीला बाबा ही जानें।  उन्होंने कहा कि आज विश्वनाथ धाम अनंत ऊर्जा से भरा हुआ है। उसका वैभव विस्तार ले रहा है। उसकी विशेषता आसमान छू रही है। यहां आसपास जो अनेक प्राचीन मंदिर जो लुप्त हो गए थे, उन्हें भी पुनर्स्थापित किया जा चुका है। बाबा अपने भक्तों की सदियों की सेवा से प्रसन्न हुए हैं। इसलिए उन्होंने आज के दिन हमें यह आशीर्वाद दिया है।

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