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कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ आज थोबल से शुरू होगी

  •  राहुल गांधी आज  से शुरू करेंगे 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा'
  • कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' आज थोबल से शुरू होगी
  • 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' 67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी

इंफाल
कांग्रेस आज  से राहुल गांधी के नेतृत्व में मणिपुर से 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' शुरू करेगी जिसके जरिये उसका प्रयास होगा कि लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को विमर्श के केंद्र बिंदु में लाए जाए। यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इंफाल के निकट थोबल से शुरू होगी और मार्च के तीसरे सप्ताह में मुंबई में इसका समापन होगा।

कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले निकाली जा रही यह यात्रा 67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी। 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान लगभग 6,700 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। यात्रा ज्यादातर बस से होगी, लेकिन कहीं-कहीं पदयात्रा भी होगी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सात सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक कन्याकुमारी से कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' निकाली थी। उनकी 136 दिन की इस पदयात्रा में 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए 4,081 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी।

कांग्रेस का कहना है कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कोई चुनावी यात्रा नहीं है, बल्कि यह देश के लिए न्याय की मांग करने से जुड़ी है।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक सप्ताह पहले आरंभ हो रही कांग्रेस की इस यात्रा को लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक न्याय से जुड़ा विमर्श खड़ा करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाकर भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिक दुरुपयोग कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जहां राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान ''आर्थिक असमानताओं, ध्रुवीकरण और तानाशाही'' के मुद्दों को उठाया था, वहीं 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में देश के लोगों के लिए आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय की मांग पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।

'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 14 जनवरी को इंफाल के निकट से यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस यात्रा को आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है।

पार्टी के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने पिछले दिनों कहा था कि इस यात्रा में देश की महिलाओं, युवाओं और वंचित समुदाय के लोगों से बातचीत की जाएगी। कांग्रेस कार्य समिति की 21 दिसंबर को हुई बैठक में पार्टी नेताओं ने इस बात पर जोर दिया था कि राहुल गांधी को पूरब से पश्चिम तक दूसरे चरण की यात्रा करनी चाहिए। इसके बाद यात्रा की घोषणा की गई है।

यात्रा मणिपुर से प्रारंभ करने के कारण के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा था कि यह देश का महत्वपूर्ण हिस्सा है और पार्टी इस पूर्वोत्तर राज्य के लोगों के ''जख्मों पर मरहम'' लगाने की प्रक्रिया शुरू करना चाहती है।

मणिपुर में तीन मई को हिंसा शुरू होने के बाद से कुकी और मेइती समुदाय के लोगों के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 60,000 से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से जुड़ने के लिए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ( इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस )के अपने सहयोगी दलों के नेताओं से आग्रह किया है। 'भारत जोड़ो यात्रा' में भी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी हिस्सा लिया था। 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान गांधी ने 12 बैठकें एवं 100 से अधिक नुक्कड़ बैठकें की थीं और 13 संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित किया था।

 

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