लेखक की कलम से
विश्वास …
विश्वास ही जीत है
ये मन का मीत है।
हारे की हिम्मत है
रुठे की किस्मत है।
विश्वास कलम की धार है
योद्धा के लिए तलवार है।
आंसू को मुस्कान में बदले
बार-बार गिर कर जो संभलें।
दुःख में कोई जब साथ न दे
विश्वास को लेकर तू चल दे।
तो खुद पर रखो तुम विश्वास
जीवन पथ पर बनी रहेगी आस।
©वर्षा महानन्दा, बरगढ़, ओडिशा