लखनऊ/उत्तरप्रदेश

अखिलेश के लिए वोट मांगने आईं ममता बनर्जी पर झल्लाए सीएम योगी ने राज्पाल के अभिभाषण के बाद कह दी ये बड़ी बात ….

लखनऊ। विधानसभा चुनाव के दौरान 2 बार अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करने वालीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा, ”चुनाव में सपा के समर्थन के लिए बंगाल से एक दीदी आईं थीं। वहां क्या हालत थी। चुनाव बाद वहां हिंसा की 12 हजार घटनाएं हुईं थीं। 294 विधानसभा सीटों में से 142 पर हिंसा की घटनाएं हुईं थीं। यही नहीं 25 हजार बूथ प्रभावित हुए थे। भाजपा के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ता सेल्टर होम में जाने को मजबूर हुए थे। 57 की हत्या हुई, 123 से अधिक महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ। 7 हजार शिकायतें दर्ज हुई। बंगाल की आबादी यूपी के मुकाबले आधी है।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव में सपा के लिए वोट मांगने आईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद कहीं अशांति नहीं हुई, जबकि बंगाल के मुकाबले यहां की आबादी दोगुनी है।

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा कि यूपी की आबादी करीब 25 करोड़ है। इतने बड़े आबादी का राज्य। हर सरकार ने अपने समय में जरूर कुछ प्रयास किया होगा। लेकिन उन जन आकांक्षाओं का प्रतीक हम क्यों नहीं बन पा रहे थे। जो यूपी की आवश्यकता थी। 37 सालों के बाद दोबारा जनादेश मिलना सामान्य बात नहीं है। हम जीते तो अच्छा है और बीजेपी जीती तो ईवीएम में गड़बड़ी कर दी गई है। यह तो जनता का अनादर है।

सीएम योगी ने कहा, ”2017 में स्थानीय निकाय के चुनाव में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। 2019 लोकसभा चुनाव में कहीं हिंसा नहीं हुई। 2021 में पंचायत चुनाव हुए थे, शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हुए। 2022 से शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा चुनाव संपन्न हुए। हर दल अपनी बात कह रहा था, लेकिन चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए।”

सीएम योगी ने कहा कि यूपी में चुनाव के दौरान भी और चुनाव के बाद भी कोई हिंसा नहीं हुई। यह यूपी की कानून व्यवस्था का उदाहरण है। लेकिन क्या यहां पर भाजपा की सरकार नहीं होती तो भी क्या ऐसी ही रहता। क्योंकि हम लोगों को नेतृत्व एक ही बात के लिए आगाह करता है कि हमारा मिशन सत्ता नहीं देश है। देश हित के लिए काम करना है। भारत ने संसदीय लोकतंत्र को अपनाया है तो इसकी भावनाओं का सम्मान करना होगा।

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