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सौन्दर्य प्रतियोगी के सामने चीन हुआ लाचार …

चीन में जन्मी अनास्तासिया लिन 13 वर्ष की आयु से कनाडा की नागरिक है। 2015 में, मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के लिए कनाडा की प्रतिनिधि चुने जाने के बाद उसके पास विकल्प था कि वह ग्लैमर और प्रसिद्धि की राह चुने या मानवाधिकार और स्वतंत्रता की, और उसने दूसरे को चुना। पिछले कुछ वर्षों से अनास्तासिया चीन में हो रहे मानवाधिकार हनन के विरुद्ध आवाज उठा रही है और चीन के लिए सरदर्द बनी हुई है।

सन 2015 में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता चीन में हुए थी, लेकिन, न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, लिन को चीनी अधिकारियों नें देश में प्रवेश करने से रोक दिया। 2016 में वाशिंगटन में होने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में लिन फाइनल स्तर तक पहुँच गयी। किन्तु ‘द ब्लीडिंग एज’ नामक फिल्म में अभिनय करने के कारण, उसे अमरीका के प्रिमिअर में उपस्थित होने से रोका गया क्योंकि इस फिल्म में चीन में फालुन गोंग अभ्यासियों पर हो रहे मानवाधिकार हनन के मामलों को उजागर किया गया था।

फालुन गोंग (जिसे फालुन दाफा भी कहा जाता है) बुद्ध और ताओ विचारधारा पर आधारित साधना अभ्यास है जिसका चीन में दमन किया जा रहा है, जबकि यह भारत सहित दुनियाभर में 114 से अधिक देशों में लोकप्रिय है। जबकि लिन सभी के लिए मानवाधिकार और स्वतंत्रता की पक्षधर है , यह उसका फालुन गोंग का अध्ययन था जिसने सर्व प्रथम उसे सक्रियता के लिए प्रेरित किया। चीन में इस अभ्यास पर पाबंदी लगी है, और माना जाता है कि इसके बहुत से अभ्यासियों को बिना सुनवाही के कैदी बना दिया गया और उन पर बर्बर अत्याचार किये गए।

चीन की हिचकिचाहट इस बात से है कि लिन फालुन गोंग की एक मुखर समर्थक और सहायक है। चीन में फालुन गोंग के दमन का खुलासा दुनिया भर के सामने हो जाने पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी असमंजस में है।

यह क्यों हो रहा है? 26 वर्षीय लिन, ब्यूटी क्वीन होने के अतिरिक्त एक अभिनेत्री और मानवाधिकार कार्यकर्ता है, और वह चीनी सरकार के मानवाधिकार हनन की मुखर आलोचक रही है।

जेफ जैकोबी ने द बॉस्टन ग्लोब में लिखते हुए घोषणा की: ” चीन जैसे सर्वसत्तात्मक शासन कुछ भी कर सकते हैं – अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में राजनीतिक हस्तक्षेप, शांतिपूर्ण ध्यान अभ्यास का अपराधीकरण, एक बेटी का मनोबल तोड़ने के लिए उसके पिता का ब्लैकमेल। इस तरह के शासन का विरोध करने का साहस होना आसान नहीं है। कनाडा की ब्यूटी क्वीन के पास यह साहस इतना भरपूर है कि चीन उसे किसी चीनी मंच से नहीं बोलने देता। किसी अन्य युवा महिला को मिस वर्ल्ड का ताज पहनाया जा सकता है, लेकिन यह अनास्तासिया लिन है जो इस सम्मान की हकदार है। ”

अपने अभिनय और मानवाधिकारों की वकालत के अलावा, लिन अपने आप में एक सेलिब्रिटी बन गई। जनवरी 2016 को, उसे MTV फोरा द्वारा “25 अंडर 25” की सूची में शामिल किया गया, जिसमें मलाला, सेलेना गोमेज़ और काइली जेनर शामिल थे। एक्टिविस्ट श्रेणी में फ्लेयर मैगजीन ने उसे “टॉप 60 अंडर 30” में शामिल किया, और मैरी क्लेयर ने उसके काम के बारे में एक साक्षात्कार में उसे “एक निर्भीक ब्यूटी क्वीन” घोषित किया।

 

लिन ने मई 2016 में ओस्लो फ्रीडम फोरम में भाग लिया, जहाँ उसने चीन में हो रहे फालुन गोंग के दमन, अवैध अंग प्रत्यारोपण और विश्वास की स्वतंत्रता के बारे में अपना पक्ष रखा। नेशनल रिव्यू के जे नॉर्डलिंगर ने उसके साथ एक पॉडकास्ट साक्षात्कार में कहा वह वास्तव में “एक असाधारण व्यक्ति” है।

अनास्तासिया को विश्व मीडिया तक पहुँचने से रोकने में चीनी सरकार ने कोई भी चाल नहीं छोड़ी। पर वे अनास्तासिया लिन को किसी भी प्रकार से चुप करने में असंभव रहे। अपना पक्ष रखने के लिए उसे अन्य मंच मिल गए, और जैसे जैसे उस पर सेंसरशिप के प्रयास आक्रमक होते जा रहे हैं वैसे ही उस पर लोगों का ध्यान और अधिक केन्द्रित होता जा रहा है। चीन इस ब्यूटी क्वीन के साहस के आगे लाचार दिखाई दे रहा है।

साभार: द एपोक टाइम्स और विकिपीडिया

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