नई दिल्ली

सीएम बनते ही एक्शन में चरणजीत सिंह : मोदी सरकार से की कृषि कानून वापस लेने की मांग, पंजाब में किसानों के बिल माफी का भी ऐलान ….

नई दिल्ली । मुख्यमंत्री शपथ लेने के साथ ही चरणजीत सिंह ने कामकाज संभाल लिया है। उन्होंने देश के किसानों की पीड़ा को समझते हुए मोदी सरकार से तीनों नए कृषि कानून वापस लेने की मांग की है। उनकी इस मांग से वे किसानों के चहेते हो गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में किसानों के बिला माफी का ऐलान भी कर दिया है। उनके काम करने के तरीके से भाजपा आश्चर्य में है। बता दें कि सीएम चरणजीत सिंह अपने काम करने के तरीकों से हमेशा लोगों को अचरज में डालते हैं। यही कारण है कि विरोधी लोग भी उनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद चरणजीत सिंह एक्शन मोड में आ गए हैं। चन्नी ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। चन्नी ने बताया है कि उन्हें हाई कमान की ओर से 18 मुद्दों की लिस्ट मिली है, जिन्हें वह अपने बाकी कार्यकाल में ही पूरा करेंगे। सीएम बनते ही चन्नी ने राज्य में किसानों के बकाया पानी और बिजली बिलों को माफ करने का बड़ा ऐलान किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में चन्नी के साथ हरीश रावत और नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे।

चन्नी ने अपनी बात की शुरुआत ही किसानों से की और कहा कि उनकी सरकार गरीबों की सरकार है और यह किसानों के साथ है। चन्नी ने कहा कि किसान डूबा तो देश डूबेगा, किसान पर मैं कोई आंच नहीं आने दूंगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के संघर्ष में उनके साथ खड़ी होगी और राज्य में किसान को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। चन्नी ने कहा कि हम हर तरीके से किसानों का समर्थन करते हैं। चन्नी ने यह भी कहा कि अगर किसानो पर आंच आई तो गर्दन पेश कर दूंगा।

चन्नी ने अपने भाषण में अमरिंदर सिंह का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘अमरिंदर सिंह ने बहुत अच्छा काम किया। हमारी पार्टी के वह नेता हैं। हाई कमान ने मुझे 18 मुद्दे दिए हैं जिन्हें बाकी कार्यकाल में ही पूरा किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से उनकी अपील है कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।

चन्नी ने इससे पहले कांग्रेस और राहुल गांधी का धन्यवाद किया और कहा कि पार्टी ने एक आम आदमी को मुख्यमंत्री बनाया है। चन्नी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कुछ नहीं होता बल्कि पार्टी ही सबकुछ होती है।

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