लेखक की कलम से
बदलते मौसम…
मौसम भी चाहता है सुकून
थाम लेता फसलों की सुगंध
हाथ में हंसिया थामे बच्चों की मां
बुन रही है सपने मौसम के साथ
बिटिया के आंखों की चमक
उसे दाने दाने रह-रहकर दिखता
फसल, बच्चे सुकून के बीज!
-लता प्रासर
मौसम भी चाहता है सुकून
थाम लेता फसलों की सुगंध
हाथ में हंसिया थामे बच्चों की मां
बुन रही है सपने मौसम के साथ
बिटिया के आंखों की चमक
उसे दाने दाने रह-रहकर दिखता
फसल, बच्चे सुकून के बीज!
-लता प्रासर