मध्य प्रदेश

उप चुनाव: एमपी महिला कांग्रेस नई रणनीति के साथ उतरेगी मैदान में, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने मोर्चा संभाला …

इंदौर। मध्यप्रदेश के उपचुनाव में दोनों ही प्रमुख सियासी दल कांग्रेस और बीजेपी में घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस की ओर से उसकी महिला ब्रिगेड ने मोर्चा संभाल लिया है। बीजेपी सरकार की हकीकत बताने के लिए एक किताब आपके द्वार घर घर तक पहुंचाने की मुहिम में जुटी हुई है। वहीं कांग्रेस की इस मुहिम पर बीजेपी भी पलटवार कर रही है।

मध्यप्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यही वजह है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही दोनों पार्टियों ने मैदान संभाल लिया है। दमोह उपचुनाव में मिली सफलता के बाद विपक्ष में बैठी कांग्रेस उत्साहित है। वो इस उपचुनाव में चारों सीट पर जीत हासिल करने की रणनीति तैयार कर रही है। महिला कांग्रेस एक नए अभियान का शंखनाद करने जा रही है। वो बीजेपी सरकार की नाकामियों को घर घर तक पहुंचाएगी।

सच्चाई आपके द्वार- पिछले दिनों पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सच्चाई आपके द्वार किताब दिल्ली में लॉन्च की थी. इस किताब को अब कांग्रेस उन सभी क्षेत्रों में लांच कर रही है जहां उपचुनाव होना है। इस किताब के जरिए महिला कांग्रेस बीजेपी सरकार के दौरान महिला अत्याचार, महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना काल की त्रासदी से जुड़े मुद्दों को जनता के बीच ले जाएगी. महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल का कहना है इस किताब में कांग्रेस और बीजेपी सरकार के दौरान पेट्रोल-डीजल,गैस और खाद्य पदार्थों की कीमतों की तुलना की गई है। साथ ही महिला हिंसा के आंकड़ों और बेरोजगारी के आंकड़े भी बताए गए हैं. ताकि जनता को बीजेपी सरकार की हकीकत का पता चल सके.

बीजेपी बोली-पूरा सच बताएं- बीजेपी ने भी कांग्रेस के इस अभियान पर पलटवार कर दिया है। बीजेपी प्रवक्ता उमेश शर्मा का कहना है कांग्रेस पार्टी जो किताब बांट रही है, मुझे लगता है कि ये आधी अधूरी किताब है। कांग्रेस ने पहले वचन पत्र बांटे थे. ये लिखी लिखाई चीजें बांटने का कांग्रेस का पुराना शगल है। पिछली बार जो वचन पत्र बांटे थे. उसमें 100 वचन उन्होंने दिए थे. इसलिए मेरा उनसे निवेदन है कि सच्चाई आपके द्वार किताब में वचनपत्र का स्पष्टीकरण भी दें.

विधानसभा चुनाव से पहले सेमिफाइनल- इस उपचुनाव को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सेमिफाइनल भी कहा जा रहा है। इसलिए दोनों ही पार्टियां चुनावी रण में जी जान से जुट गई हैं और वे कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

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