लेखक की कलम से
कोरी कल्पना ….
कोरी कल्पना
और किस्से कहानी
से अधिक कुछ भी नहीं
ये सारी बातें
की पृथ्वी
टिकी है
गाय के सींग पर
शेषनाग के फन,
सूर्य की शक्ति
या फिर
लटकी है अंतरिक्ष के बीचों बीच
गुरुत्वाकर्षण के बल पर
सच तो यह है
की अपनी करुणा, प्रेम
सृजन और जुनून
के बल पर
स्त्रियां लादे
घूम रही हैं
पृथ्वी का बोझा
अपने सिर पर
युगों युगों से …
©चित्रा पंवार, मेरठ, यूपी