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चंडीगढ़ में होगा भाजपा का मेयर, चुनाव में दूसरे नंबर पर आने के बाद भी पाई सफलता; AAP का आरोप, भाजपा ने गड़बड़ी कर जीता ….

चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में दूसरी नंबर की पार्टी बनी भाजपा ने मेयर के पद पर कब्जा कर लिया है। आरोप है कि भाजपा ने गड़बड़ी कर सीट पर कब्जा किया है। शनिवार को भाजपा की सरबजीत कौर ने मेयर का चुनाव 14 पार्षदों के समर्थन से जीत लिया। कुल 28 वोटों में से आधे वोट हासिल कर भाजपा ने सीट पर कब्जा किया है। चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के पार्षद हंगामा करते रहे। दरअसल चुनाव परिणामों में आप को 14 सीटें मिलीं थीं और भाजपा 12 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर थी। ऐसे में आम आदमी पार्टी का आरोप है कि भाजपा ने गड़बड़ी करके मेयर पद हासिल किया है।

आम आदमी पार्टी ने अब मांग की है कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद का चुनाव अब बैलेट पेपर की बजाय हाथ खड़े करवाकर कराया जाए। भाजपा की सरबजीत कौर के चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने जमकर हंगामा काटा। यहां तक कि मेयर की कुर्सी ही घेरकर बैठ गए। इसके बाद पुलिस को बुलाना पड़ा, जिसकी मदद से आप पार्षदों को हटाया गया। फिर चंडीगढ़ से भाजपा की ही सांसद किरण खेर ने सरबजीत कौर को कुर्सी पर बिठाया। मेयर के चुनाव में कुल 28 मत पड़े थे, जिनमें 14 भाजपा ने हासिल किए और 13 वोट आम आदमी पार्टी को मिले। एक वोट इनवैलिड घोषित किया गया। इस तरह भाजपा ने महज एक वोट के अंतर से मेयर के पद पर जीत हासिल कर ली।

दरअसल चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस के टिकट पर जीतीं पार्षद हरप्रीत कौर बाबला ने भाजपा जॉइन कर ली थी। उनके साथ उनके पति और सीनियर कांग्रेस लीडर देविंदर बाबला भी भगवा दल का हिस्सा हो गए थे। बाबला को पार्टी में शामिल कराने के लिए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर खुद पहुंचे थे। इससे समझा जा सकता है कि भाजपा ने किस हद तक चंडीगढ़ चुनाव में अपनी ताकत झोंकी थी। चंडीगढ़ नगर निकाय चुनाव में कुल 35 सीटों में भाजपा को इस बार 12 सीटें ही मिली थीं, जबकि पिछले चुनाव में वह 20 सीटों के साथ बहुमत से मेयर पद पर जीती थी।

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