लखनऊ/उत्तरप्रदेश

भाजपा हार से बचने पखार रही दलितों के चरण, पहली सूची में 50% से ज्यादा OBC-दलितों को बनाया उम्मीदवार ….

लखनऊ। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में गिर रहे विकेटों का तोड़ निकालने के लिए भारतीय जनता पार्टी राज्य के दलितों के चरण पखार रही है। भाजपा की पहली सूची में 50% से ज्यादा OBC-दलितों को उम्मीदवार बनाया गया है। हालात यह है कि मोदी का चेहरा बताने वाली भाजपा अपने सीएम चेहरे को सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया है। यह सीट पिछले 33 वर्षों से भाजपा के कब्जे में है। विशेषज्ञों का कहना है कि यहां से कोई बच्चा भी खड़ा हो जाए तो वह भी पूर्ण बहुमत से जीत जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विधानसभा चुनाव के पहले उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने पहले और दूसरे फेज के लिए 107 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भगवा दल ने जहां 20 फीसदी विधायकों के टिकट काटे हैं तो 10 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारा है। इसके अलावा पार्टी ने दलितों और पिछड़ों के भी पांव पखार रही है। अंदरखाने की खबर है कि हाल ही में 3 मंत्रियों समेत कई ओबीसी उम्मीदवारों के पार्टी छोड़ने के बाद भाजपा ने 50 फीसदी से अधिक सीटों पर दलित और पिछड़ों की शरण में जाकर बिना मांगे खुद से टिकट दिया है।

बीजेपी ने जिन उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें 57 पहले फेज में चुनाव लड़ेंगे तो 48 उम्मीदवार दूसरे फेज के लिए हैं। पार्टी ने 44 सीटों पर ओबीसी उम्मीदवारों को उतारकर ‘स्वामी’ फैक्टर की काट निकालने की कोशिश की है। इसके अलावा 19 सीटों पर अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है।

नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में शनिवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फेंस में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की।  भाजपा ने तमाम अटकलों को गलत साबित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या या मथुरा की बजाय उनके पुराने गढ़ गोरखपुर शहर से ही चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। भाजपा ने उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को आगरा (ग्रामीण) से उम्मीदवार बनाया है। जाटव दलित समुदाय से आने वालीं मौर्य पहले भी एक बार विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, तब उन्हें सफलता नहीं मिली थी।

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