मध्य प्रदेश

इंदौर में खेलों की खातिर भाजपा और कांग्रेस आए एकसाथ, ऐतिहासिक नेहरू स्टेडियम के ताले जल्द खुलवाने की जनप्रतिनिधियों ने की मांग …

इंदौर। खेलों के लिए बने नेहरू स्टेडियम के ताले खुलवाने और खेल गतिविधियां दोबारा शुरू करने के अभियान से अब शहर के जनप्रतिनिधि भी जुड़ने लगे हैं। विभिन्न मुद्दों पर एक-दूसरे का विरोध करने वाले भाजपा और कांग्रेस के नेता खेलों के लिए एक जाजम पर नजर आ रहे हैं। सभी ने स्टेडियम के बंद हॉल को दोबारा जल्द से जल्द खोलने और यहां अन्य जरूरी सुविधाएं जुटाने की मांग की है।

शहर के ऐतिहासिक नेहरू स्टेडियम में निर्वाचन कार्यों के कारण कई खेल गतिविधियां वर्षों से बंद पड़ी हैं। इसके लिए खेल संगठनों ने एकजुट होकर आवाज बुलंद की। अब शहर के विधायक और सांसद भी अभियान से जुड़ गए हैं। इससे स्टेडियम के ताले जल्द खुलने की खिलाड़ियों को उम्मीद है। पूर्व महापौर और स्थानीय विधायक मालिनी गौड़ ने कहा कि खेलों के लिए स्टेडियम बना है तो वहां सिर्फ खेल गतिविधियां ही होनी चाहिए। अब तो निर्वाचन भवन अलग बन चुका है। ऐसे में स्टेडियम के हॉल खोल देने चाहिए। मैंने पहले भी यह मुद्दा उठाया था। स्टेडियम परिसर में खेलों से जुड़ी दुकानें होनी चाहिए ताकि सभी चीजें एक ही जगह उपलब्ध हों। स्थानीय विधायक महेंद्र हार्डिया ने कहा कि स्टेडियम का सिर्फ खेलों के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। निर्वाचन भवन अलग बन चुका है, तो उसका निर्वाचन कार्यों के लिए इस्तेमाल करें। मैं इस सिलसिले में कलेक्टर मनीष सिंह से बात करूंगा ताकि जल्द से जल्द खिलाड़ियों के सुविधाएं मिलें।

सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि स्टेडियम से जल्द ईवीएम हटनी चाहिए। इसके लिए निर्वाचन भवन बन चुका है। स्टेडियम का इस्तेमाल सिर्फ खेलों के लिए हो इसकी हम योजना बना रहे हैं। इसे लेकर प्रारंभिक बैठक भी हो चुकी है। हमारी योजना है कि स्टेडियम का योजनाबद्ध तरीके से विकास हो और यहां बेहतर सुविधाएं जुटाई जाएं। यहां के खेल संगठनों के हॉल पर से ताले खुलवाने के लिए मैं प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करूंगा।

स्थानीय विधायक और मप्र ओलिंपिक संगठन के अध्यक्ष रमेश मेंदोला ने बताया कि हमारी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। चुनाव संबंधी याचिका न्यायालय में विचाराधीन है। इस कारण विलंब हो रहा है। जैसे ही न्यायालय से ईवीएम को शिफ्ट करने की अनुमति मिल जाएगी, यह काम तुरंत कर दिया जाएगा। इसके लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है। इसके अलावा स्टेडियम के विकास की भी योजना है। खेलों पर सरकार का पूरा ध्यान है। स्टेडियम के अलावा शहर में नए खेल मैदान भी विकसित करने की योजना है। अहिल्या आश्रम के सामने सेना की जमीन लेने का प्रस्ताव है, जहां खेल गतिविधियां होंगी। शहर के अन्य पुराने मैदानों का भी विकास का खाका तैयार किया जा रहा है।

पूर्व खेल मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा कि शासन और प्रशासन दोनों को खिलाड़ियों की भावनाओं को समझना होगा। लाकडाउन से खेलों को नुकसान हुआ। अब ईवीएम के कारण भी ताले लगे रहेंगे तो खेलों का विकास कैसे होगा।? इतने सालों के बाद भी ताले नहीं खुलना जिम्मेदार लोगों की लापरवाही है। इस मामले में बिना किसी बहाने और राजनीति के तुरंत स्टेडियम के ताले खोलना चाहिए। जो भी छोटी-मोटी दिक्कतें हैं, उन्हें दूर कर पुन: खेल गतिविधियां शुरू की जानी चाहिए।

कांग्रेस के विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि खेलों को उचित महत्व देना होगा। स्टेडियम की शहर में बहुत कमी है, ऐसे में जो स्टेडियम मौजूद हैं, उस पर भी ताले लगे हैं। नेहरू स्टेडियम के गौरवशाली इतिहास को संजोना चाहिए, लेकिन वहां ताले लगाए जा रहे हैं। नया निर्वाचन भवन किसलिए बनाया गया है? निर्वाचन सामग्री प्रशासन के निर्वाचन भवन में रखना चाहिए। ऐसे हालात में ओलिंपिक का सपना देखना बेमानी है। ऐसे में अच्छे खिलाड़ी कैसे निकलेंगे?

इंदौर संभागीय क्रिकेट संगठन (आइडीसीए) के अध्यक्ष और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के अनुसार स्टेडियम का सिर्फ खेलों के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा- शहर की खेल विरासत को संजोना और आगे बढ़ाना दोनों जरूरी है। नेहरू स्टेडियम में लगे ताले जल्द से जल्द खुलवाने के लिए शासन और प्रशासन स्तर पर जो भी जरूरी होगा वह प्रयास करेंगे। जो भी कानूनी अड़चने हैं उन्हें जल्द दूर करने के लिए अधिकारियों से चर्चा करेंगे। जल्द ही स्टेडियम में फिर से खेल गतिविधियां गति पकड़ेंगी।

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