मध्य प्रदेश

कट्टरता : स्कूल में घुसकर छात्रों से लगवाए जय श्रीराम के नारे

देवास। मध्यप्रदेश में भी धार्मिक और जातिवादी कट्टरता बढ़ती जा रही है। इससे स्कूलों को भी नहीं बख्शा जा रहा। सब कुछ पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है। देवास के एक स्कूल में प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स को लंबा तिलक नहीं लगाकर आने की हिदायत दी। कुछ बच्चों के माथे पर लगा टीका मिटवा भी दिया। इसकी जानकारी लगते ही हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे। उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल और मैनेजमेंट के सामने विरोध जताया। कक्षाओं में जाकर बच्चों से भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे भी लगवाए। जबकि स्कूलों में समभाव, सदभाव और धर्मनिरपेक्षता के निर्देश हैं, पर कट्टरवादी स्कूलों को भी अपनी राजनीति का अड्डा बना रहे हैं।

मामला ट्रिनिटी स्कूल से जुड़ा है। तिलक नहीं लगाने की हिदायत गुरुवार को दी गई थी। हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता शुक्रवार को स्कूल पहुंचे तो एक छात्र ने बताया कि हमें स्कूल में तिलक लगाने से मना कर दिया गया। कहा गया कि इससे अनकंफर्टेबल फील होता है। वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल फादर करोल ने कहा कि उन्होंने बच्चों को सिर्फ छोटा तिलक लगाकर स्कूल आने को कहा था। तिलक नहीं लगाकर आने की कोई बात नहीं कही गई थी। उन्होंने इस बात को लेकर माफी भी मांग ली है।

धर्म विरोधी कृत्य सहन नहीं करेंगे

स्थानीय पार्षद, शिव सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा बच्चों के माध्यम से पता चला कि उन्हें तिलक लगाने और हाथ में कलावा पहनने से मना किया गया है। हमने स्कूल प्रबंधन से बात की है तिलक और कलावा हिंदू धर्म की मान्यता है। इस पर प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने इस बात का विरोध नहीं किया है। कोई भी बच्चा तिलक लगाकर और कलावा पहनकर आ सकता है। विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री ने बताया हमें पता चला कि प्रार्थना के बाद बच्चों को बुलाकर यह कहा गया कि आप तिलक लगाकर और कलावा बांधकर स्कूल नहीं आएंगे। यहां भारत माता और सरस्वती माता की तस्वीरें भी नहीं हैं। राम-राम संस्था के संस्थापक ने कहा कि हिंदू धर्म के खिलाफ ऐसे कृत्य रचने वाले स्कूल का हम कड़ा विरोध करते हैं। मां-बाप अपने बच्चों को विद्यालय में अच्छी शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजते हैं। यदि शिक्षा के मंदिर में धर्म विरोधी कृत्य होंगे तो हम सहन नहीं करेंगे।

आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटना नहीं होगी

सिविल लाइन थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से इस संबंध में जानकारी मिली थी। हमने स्कूल जाकर फादर से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बच्चों को छोटा तिलक लगाने के लिए कहा गया था। फादर ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। भविष्य में इस तरह की कोई घटना नहीं होगी, इस बात का आश्वासन भी दिया गया है।

परिजन ने हिंदूवादी संगठनों से की शिकायत

ट्रिनिटी स्कूल में गुरुवार सुबह असेंबली में प्रार्थना के बाद फादर ने कुछ बच्चों को टीका लगाने पर टोका। कहा कि इसकी जगह छोटा टीका लगाकर ही स्कूल आएं। छुट्टी के बाद बच्चों ने घर जाकर पैरेंट्स से यह बात कही। इनमें से कुछ लोगों ने विश्व हिंदू परिषद, शिव सेना और राम-राम संस्था से संपर्क किया। शुक्रवार सुबह इन संगठनों के सदस्य नारे लगाते हुए स्कूल पहुंचे। प्रिंसिपल रूम में जाकर उन्होंने इस फैसले के खिलाफ विरोध जताया। मैनेजमेंट के सामने कहा कि किसी भी स्कूल में ऐसा नहीं होना चाहिए। हंगामे की सूचना मिलते ही नजदीकी थाने से पुलिस भी वहां पहुंच गई।

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