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वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की उठी मांग, डीके शिवकुमार बोले- यही चाहते हैं कार्यकर्ता …

बेंगलुरू । कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की वकालत की है। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि कार्यकर्ताओं की यही मांग है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालें। बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, “राहुल गांधी अभी भी 90 प्रतिशत जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि वह जिम्मेदारी लें।” उन्होंने कहा, ”16 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक है। देखते हैं।”

उन्होंने मंगलवार को कहा कि देशभर में कार्यकर्ताओं की यही राय है कि राहुल गांधी पार्टी के मुखिया का पद संभालें। डीके शिवकुमार ने कहा, ‘पूरा देश और कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी जी यह जिम्मेदारी संभालें। उन्होंने जब से इस्तीफा दिया है, तब से ही हम उन पर अध्यक्ष पद संभालने के लिए दबाव डाल रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की एकमत से यही राय है कि वह अध्यक्ष बनें।’

पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी सोमवार को राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने की इच्छा व्यक्त की थी। सिद्धारमैया को राष्ट्रीय भूमिका देने की खबरों पर शिवकुमार ने कहा कि यह नेतृत्व को तय करना है और राज्य इकाई के साथ हाईकमान की ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है।

शिवकुमार ने कहा, “यह पार्टी और विधायक दल के नेता (सिद्धारमैया) के लिए है, मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहता, ये अभी केवल अटकलें हैं, इस पर हमारे साथ चर्चा नहीं हुई है।” बता दें कि कुछ रोज पहले ऐसी अटकलें जोर पकड़ रही थी कि ऑल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में सिद्धारमैया के लिए पार्टी में राष्ट्रीय भूमिका की पेशकश की थी, जिसके बारे में कहा गया है कि सिद्धारमैया ने इससे इन्कार कर दिया था।

हालांकि इस तरह की खबरों को खारिज करते हुए सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि उन्हें ऐसी कोई पेशकश नहीं दी गई थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि कई लोग कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक हैं, और अन्य नेताओं और स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। यह कहते हुए कि वह कर्नाटक में कोयले और बिजली की कमी के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे थे, राज्य के पूर्व बिजली मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, “हमारे (कांग्रेस) शासन के दौरान हमारे पास अतिरिक्त बिजली थी और हम इसे दूसरों को बेच रहे थे।

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