देश

राज्य सरकार से मिली मंजूरी : माउंट आबू में 20 साल बाद सैलानी करेंगे जीप में बैठकर जंगल की सैर…

माउंट आबू। माउंट आबू आने वाले सैलानियों के लिए एक और टूरिस्ट पॉइंट जुड़ने वाला है। राज्य सरकार ने 20 साल पहले माउंट आबू में जीप सफारी शुरू करने के निर्णय को मंजूरी दे दी है। जल्द ही पर्यटक जंगल में सफारी का आनंद उठाने के साथ प्राकृतिक व वन्य जीवों को पास से देख सकेंगे। इसके लिए करीब 25 लाख रुपए तक बजट खर्च होगा।

सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में 23 जनवरी 2001 में बैठक हुई थी। बैठक में माउंट आबू में सफारी पार्क और ईको पर्यटन संबंधित कार्य करने का निर्णय आबू विकास समिति ने लिया था। उसके बाद मिनी नक्की लेक, ट्रेवर टैंक और टाइगर पाथ में सफारी के लिए विकसित करने के लिए नगर पालिका ने माउंट आबू पर्यावरण समिति के माध्यम से वन विभाग को राशि उपलब्ध कराई थी। करीब 20 साल बाद इस वर्ष माउंट आबू के लोगों सहित सैलानियों को सफारी की सौगात मिलेगी।

माउंट आबू उप वन संरक्षक विजय शंकर पांडेय ने बताया कि आबू पर्वत के हिल स्टेशन में एक नया टूरिस्ट पॉइंट विकसित किया जा रहा है। इसमें माउंट आबू के ट्रेवर टैंक से मिनी नक्की लेक तक जीप सफारी चलाई जाएगी। इसके साथ ही इस साल गांव में कैंप साइट पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक कैंपिंग की जाएगी।

 

 

शहर में इसी साल ही देलवाड़ा क्षेत्र से आगे ट्रेवर टैंक से मिनी नक्की लेक तक के ट्रैक पर जीप सफारी शुरू हो जाएगी। इसके लिए करीब 3.5 किलोमीटर का ट्रैक होगा। ट्रेवर टैंक के गेट से एंट्री रहेगी। इसमें सैलानियों को क्रोकोडाइल पॉइंट, रंग-बिरंगे पक्षी, फोटोग्राफी, शूटिंग सहित लेपर्ड, भालू मूवमेंट पॉइंट को विकसित किया जाएगा। मिनी नक्की लेक जोन के अंतर्गत क्रोकोडाइल पॉइंट, वॉकवे पाथ, रंग-बिरंगे पौधे, फोटोग्राफी पॉइंट, सहित एनीकट रिपेयर कर विकसित किए जाएंगे। शाम के वक्त राजस्थानी संस्कृति कला के म्यूजिकल और लोक सांस्कृतिक नृत्य भी आयोजित होंगे।

 

 

ट्रेवर टैंक व मिनी नक्की लेक पर दुकानें भी रहेंगी। यहां सैलानियों के लिए खाने-पीने की वस्तुएं मिलेगी। सफारी के लिए टिकट और सफारी बुकिंग का कार्य ऑनलाइन प्रक्रिया से होगा। दोनों जगह पर मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था होगी। शुरुआत में चार सफारी चलेगी। इसके बाद धीरे-धीरे जरूरत पड़ने पर सफारी की संख्या बढ़ाई जाएगी। सालगांव कैंप साइट पर दिन में कैंपिंग करने की अनुमति भी प्रदान हुई है। कैंप साइट सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही कैंप होंगे। कैंप करने और भ्रमण करने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। सालगांव कैंप साइट पर एक बार में 14 जगहों पर टेंट लगेंगे। इन जगहों पर मूलभूत सुविधाएं रहेंगी और टिकट और डे-कैंपिंग बुकिंग का कार्य ऑनलाइन प्रक्रिया से होगा।

 

 

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए माउंट आबू में भी जीप सफारी को मंजूरी मिल गई है। माउंट आबू में 20 साल बाद एक नया टूरिस्ट पॉइंट विकसित किया जा रहा है। इसी वर्ष सफारी शुरू हो जाएगी। माउंट आबू चौथा ऐसा वन क्षेत्र होगा, जहां सरकार की ओर से सैलानियों को सफारी करवाई जाएगी।

Back to top button