नई दिल्ली

आलोक यादव का ‘आसमां है पिता गजल वीडियो हुआ जारी …

नई दिल्ली। पीएफ कमिश्नर (दिल्ली मध्य) आलोक यादव का एक और खूबसूरत ग़ज़ल वीडियो “ आसमां है पिता” शुक्रवार को रिलीज़ हुआ। पिता को समर्पित इस ग़ज़ल को मशहूर गायक जोड़ी अहमद हुसैन मोहम्मद हुसैन ने संगीतबद्ध किया और गाया है ।इसका संगीत ज़फ़र मिर्ज़ा ने अरेंज किया है और विडियो प्रबुद्ध ने तैयार किया है । इसे मुंबई की कंपनी रेड रिबन म्यूजिक ने यूट्यूब सहित सभी डिजिटल म्यूजिक चैनलों spotify, Gaana, Apple Music, Amazon Music, Sound Cloud, Resso, Itunes, Raaga, boomplay पर रिलीज़ किया है ।

ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व भी आलोक यादव की एक अन्य गजल का वीडियो इसी गायक जोड़ी की आवाज़ में इसी कंपनी से रिलीज़ हो चुका है । आलोक यादव की गजलों को कविता सेठ जैसे मशहूर गायकों ने भी आवाज़ दी है । उनकी ग़ज़लें रेख़ता और कविता कोश जैसी प्रतिष्ठित वेबसाइट्स पर भी उपलब्ध हैं । उनका अपना यू ट्यूब चैनल “शेड्ज़ ऑफ आलोक यादव” भी काफी लोकप्रिय है जहां उन्होने ख़ुद अपनी ग़ज़लों के वीडियो प्रस्तुत किए हैं। उनकी गज़लों का एक संग्रह “ उसी के नाम “ शीर्षक से लोक भारती प्रकाशन से आ चुका है ।

इस अवसर पर गायक उस्ताद अहमद हुसैन – मोहम्मद हुसैन ने कहा “ अदब में माँ पर बहुत कुछ लिखा गया है लेकिन पिता पर बहुत कम लिखा गया है और उस में इस ग़ज़ल का ख़ास मक़ाम है । इसमें पिता और संतान के सम्बन्धों पर बहुत बारीकी से रौशनी डाली गई है । इसके सभी शेर बेहद खूबसूरत और मर्मस्पर्शी हैं”। आप ख़ुद देखें ।

माँ अगर है ज़मीं, आसमाँ है पिता

घर की दीवार माँ, साएबाँ है पिता

 

थाम ली बाँह मेरी पिता ने सदा

बन के सम्बल खड़ा, पासबाँ है पिता

 

मैंने देखा नहीं है ख़ुदा को कभी

पर यक़ीं है ख़ुदा का निशाँ है पिता

 

उसने खून और पसीने से सींचा हमे

बाग़ के फूल हम, बाग़बाँ है पिता

 

उसकी ख़िदमत है तामीले- फ़रमाने-रब

यानी रब और मेरे दरमियाँ है पिता

 

परवरिश की मेरी अपने सुख भूल कर

त्याग की जाविदाँ दास्ताँ है पिता

 

मेरी रग-रग में बहता है उसका लहू

आत्मा है मेरी, जिस्मो-जाँ है पिता

 

लोग कहते हैं ‘आलोक’ हमसे यही

शख़्सियत से हमारी अयाँ है पिता

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