लखनऊ/उत्तरप्रदेश

अखिलेश यादव ने कहा – “मैं कोविड वैक्सीन तभी लगवाऊंगा जब सर्टिफिकेट पर मोदीजी के चित्र की बजाय तिरंगा छापा जाएगा”…

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज एक नये विवाद को जन्म देते हुए कहा कि वह कोविड वैक्सीन तभी लगवाएंगे, जब वैक्सीन प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चित्र के स्थान पर राष्ट्रीय तिरंगा का चित्र लगाया जाएगा.

इंडिया टीवी के दिनभर चलने वाले महासम्मेलन ‘चुनाव मंच’में सवालों का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर भारत का झंडा लगवा दीजिए, मैं वैक्सीन लगवा लूंगा. मैं उत्तर प्रदेश में वैक्सीन लगवाने वाला आखिरी व्यक्ति होऊंगा, पहले सभी मां—बहनों, गरीबों, आम जनता को वैक्सीन लगवाने दीजिए. फिर मैं वैक्सीन लूंगा. … मेरा ऐतराज इस बात को लेकर है कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर मोदी जी की तस्वीर क्यों लगी है?  दुनिया में किसी नेता ने अपनी तस्वीर लगवाई हो तो बताइए. अमेरिकी के राष्ट्रपति ट्रम्प ने, और उनके बाद आने वाले नए राष्ट्रपति ने क्या अपनी तस्वीर लगाई ? क्या ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने, या रूस के राष्ट्रपति ने या यूरोप के एक भी देश ने अपने नेता की तस्वीर लगवाई? “

अखिलेश यादव ने कहा, “हमारी सबसे बड़ी आपत्ति ये है कि बीजेपी के लोग गांवों में जाकर यह प्रचार करते हैं कि ये हमारी, बीजेपी की वैक्सीन है. ये तो हम सबके टैक्स की वैक्सीन है.”

 

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कुछ अखबारों में छपी इस रिपोर्ट पर टिप्पणी की कि इस बार बीजेपी के 150 विधायकों के टिकट कट सकते हैं. यादव ने कहा, “ आज अखबारों में आया कि कम से कम 150 लोगों की सीटें हटने वाली है. 150 विधायकों को टिकट नहीं मिलेगा. हमें जो जानकारी है , 250 सीटें हटेंगी. और अगर 250 विधायकों के टिकट कटे तो मुख्यमंत्री जी की विदाई का कार्यक्रम शुरु हो जाएगा.”

 

यह पूछने पर कि क्या समाजवादी पार्टी इनमें से कुछ को टिकट देगी, अखिलेश यादव ने कहा, “ जो जीतने वाले हैं, वही लेंगे. सबको थोड़े ही ले सकते हैं ?”

बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि यूपी में सरकार सभी मोर्चों पर विफल सिद्ध हुई है. “ये समय काटने आए थे. समय कट गया. अब दोबारा नहीं आएंगे. “

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि कोविड महामारी की दूसरी लहर के समय उतर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी. “ लखनऊ और उत्तर प्रदेश के लोगों ने देखा, लाशें जल रही थीं. सरकार इन्तजाम नहीं कर पाई. तस्वीरें छिपाने के लिए सरकार टिनशेड लगवा रही थीं, बैरिकेडिंग कर रही थी. केवल भारत नहीं, पूरी दुनिया ने देखा, जब मां गंगा में लाशें बह रही थीं. जब बीजेपी नेताओं से पूछा गया, तो बोले ये बिहार से आई लाशें हे, यूपी की लाशें नहीं. वो साफ झूठ बोल रहे थे. ये झूठ के फूल हैं. ये फूल बीजेपी के नहीं, ये झूठ के फूल हैं.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा “ सरकार न दवा, न बैड, न ऑक्सीजन का इन्तजाम कर पाई. रेमडेसिविर इंजेक्शन की खुल कर कालाबाजारी हो रही थी. ऑक्सीजन नहीं थी, लोगों को खुद सिलेंडर का इंतजाम करना पडा. स्वास्थ्य सेवाएं चौपट थीं. मुख्यमंत्री जितने असपतालों में गए, वे सब अस्पताल समाजवादी सरकार ने बनाए थे. यूपी में ड़ॉक्टर नहीं, अधिकारी रेमडेसिविर इंजेक्शन बांट रहे थे.

 

अखिलेश यादव ने बाताया कि इस साल उनके जन्मदिवस पर बहुत से अधिकारियों ने उन्हें बधाई संदेश भेजा. “ ये बधाई आने वाली सरकार के संकेत हैं. समाजवादी पार्टी के लोग 400 सीटें जीतने जा रहे हैं…. अधिकारियों को हमने बहुत बदलते देखा है. पहले जनता की सुनवाई हो जाती थी, अब जनता की सुनवाई नहीं होती. अब कोई पूछ नहीं रहा…. लोकसभा के इनके सांसद की प्रतापगढ में पिटाई हुई. गोरखपुर में सांसद और विधायक गांवों में घुस नहीं सकते.”

 

अखिलेश यादव ने बीजेपी के इन दावों का पुरजोर खंडन किया कि राज्य में जंगल राज खत्म हो चुका, और अब कानून और व्यवस्था बहाल हुई है.  “नैशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो के मुताबिक, महिलाओ, बेटियों पर अत्याचारों के मामले में यूपी में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ. सबसे ज्यादा कस्टोडियल डैथ (पुलिस हिरासत में मौत) यूपी में हुई. सबसे ज्यादा NHRC के नोटिस यूपी को भेजे गए.  गोरखपुर में आज एक व्यपारी मनीष गुप्ता को पुलिस ने उनके घर में पीट पीट कर मार डाला. गोरखपुर मुख्यमंत्री का क्षेत्र है. इसकी क्या जांच कराएंगे? पुलिस ने पीट-पीट कर कैसे मारा, उस की जांच कराएंगे ?”

 

अखिलेश यादव ने बीजेपी नेताओं को चुनौती दी कि वे यूपी में पिछले साढ़े चार साल के दौरान एक भी ऐसे बिजली प्लांट का नाम बताएं जो उन्होने चालू किया.” सारे बिजली प्लांट समाजवादी पार्टी सरकार के समय चालू हुए थे”.

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