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नगर निकाय और पंचायत राज चुनाव के बाद बीजेपी ने राजस्थान में बदले जिला प्रभारी…

जयपुर। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने नगर निकाय और पंचायत राज चुनाव की रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान में 19 संगठन जिलों में नए प्रभारी और 9 जिलों में सहप्रभारी नियुक्त किए है। जयपुर शहर में वरिष्ठ नेता नारायण पंचारिया को प्रभारी और नरेश बंसल को सह प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहले यह प्रभार राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत के पास था।

बीजेपी ने राजस्थान में अपने 19 संगठन के जिलों में नए प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। ज्यादातर जिलों में प्रभारी और सह प्रभारियों का बदलाव नगर निकाय और पंचायत राज चुनाव में परफॉर्मेंस के आधार पर किया गया है। जबकि कुछ जिलों में संगठन के लिहाज से भी फेरबदल किया है। सूची में जयपुर शहर में नारायण पंचारिया को प्रभारी और नरेश बंसल को सह प्रभारी बनाया गया है। जबकि जयपुर दक्षिण में पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम को प्रभारी और विमल अग्रवाल को सह प्रभारी का पद सौंपा गया है।

राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत को अब जयपुर की बजाय बाड़मेर का प्रभारी नियुक्त किया गया है। उनके साथ सह-प्रभारी की जिम्मेदारी नथमल पालीवाल को दी है। हनुमानगढ़ में गुमान सिंह राजपुरोहित प्रभारी लगाए गए हैं। झुंझुनू में गोवर्धन वर्मा, दौसा में शैलेंद्र भार्गव, भरतपुर में बनवारी लाल सिंघल, अजमेर शहर में वीरमदेव जैसास, भीलवाड़ा में रतन लाल गाड़री, जोधपुर देहात दक्षिण में विधायक जोगेश्वर गर्ग, जालोर में महेंद्र बोहरा, जैसलमेर में रामस्वरूप मेघवाल, बांसवाड़ा में दिनेश भट्ट को प्रभारी का पद दिया गया है। विधायक अमृतलाल मीणा को डूंगरपुर, कोटा शहर में प्रदेश सचिव जितेंद्र गोठवाल और कोटा देहात में शंकरलाल, राजसमंद में वीरेंद्र चौहान, बूंदी में आनंद गर्ग को प्रभारी नियुक्त किया गया है।

सह प्रभारी के तौर पर जयपुर शहर में नरेश बंसल, जयपुर दक्षिण में विमल अग्रवाल, दौसा में मोहन मोरवाल, भरतपुर में गोवर्धन जादौन, धौलपुर में लोकेश चतुर्वेदी, बाड़मेर में नथमल पालीवाल, बांसवाड़ा में बाबूलाल खराड़ी, डूंगरपुर में कमलेश पुरोहित, कोटा शहर में श्याम शर्मा नियुक्ति दी गई है।

प्रभारियों और सह प्रभारियों में फेरबदल कर पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं को नियुक्तियों में जगह दी गई है। साथ ही सोशल इंजीनियरिंग का भी खयाल रखा गया है। सभी समाजों से प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है। किस नेता को किसी जिले में नियुक्ति देने से पार्टी को फायदा हो सकता है, उसका ध्यान रखा गया है।

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