मध्य प्रदेश

बांध टूटने के बाद आपदा प्रबंधन कार्य जारी, एमपी के धार में सुरक्षित तरीके से खाली कराए जा रहे गांव, मंत्री और अफसरों ने डाला डेरा …

भोपाल/इंदौर। धार‍ जिले के कारम बांध में रिसाव के बाद इसे सुरक्षित करने के लिए बड़े स्तर पर काम चल रहा है। कारम बांध को टूटने से रोकने के लिए समानांतर चैनल से बांध का पानी निकालना शुरू हो गया है। सेना, पुलिस, एसडीआरएफ और प्रशासन अलर्ट पर हैं। जिस जगह पर चट्टान बाधा बन रही थी, उसी स्थान पर एक नया विकल्प तैयार कर पानी छोड़ने की व्यवस्था की गई है। पूरे क्षेत्र में अब राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन से लेकर सेना सक्रिय होकर काम कर रही है। आगरा-मुंबई हाइवे को बंद कर दिया गया है।

दूसरी ओर सभी 18 गांवों को खाली करवाने के बाद वहां पर लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है। इस मामले में भारतीय सेना और धामनोद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने कमान संभाल रखी है। संघ के स्वयंसेवक भोजन से लेकर अन्य मामलों में अपने स्तर पर सेवाएं दे रहे हैं।,

 

धार ज़िले का कारम बांध क्षतिग्रस्त होने के बाद स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट स्वयं उद्योग संवर्धन मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव के साथ लगातार मौक़े पर कैंप किए हुए हैं। संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा पुलिस महानिरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन कार्य संचालित कर रहे हैं।

मंत्री सिलावट ने बताया है कि निर्माणाधीन कारम डेम में एक किनारे से सुरक्षित तरीक़े से पानी की निकासी की जा रही है ताकि बांध की दीवारों पर पानी का दबाव कम किया जा सके। मंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग के सभी आला अधिकारी मौक़े पर मौजूद हैं। बांध के निचले हिस्से के गांवों को सुरक्षित तरीक़े से ख़ाली करा लिया गया है।

संभागायुक्त ने कलेक्टर खरगोन कुमार पुरुषोत्तम और अन्य अधिकारियों के साथ अलसुबह 4 बजे तक प्रभावित ग्रामों में घर- घर जाकर इस कार्य को सुनिश्चित कराया है। यहां ग्रामीणों को अन्य गांवों में सुविधाजनक ढंग से भेजा गया है और उनके आवास भोजन पानी सभी की उचित व्यवस्था की गई है।

सारी रात बांध के बाईं तरफ पहाड़ से लगकर पानी निकासी के लिए खुदाई जारी रही। यह कार्य अभी भी चल रहा है। दाईं तरफ के सलूस गेट और बाईं तरफ से पानी की निकासी से बांध का अतिरिक्त पानी निकालने की कोशिश की जा रही है। मौके पर आला अधिकारी लगातार कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

हालांकि, सेना की योजना के तहत अगर सब सही रहा तो 24 घंटे में डेढ़ एमक्यूएम पानी रिलीज हो जाएगा। डेम में 15 एनक्यूएम टोटल पानी है। आने वाले 3 दिन में 5 एमक्यूएम पानी निकाल दिया जाएगा। इससे पानी का प्रेशर बांध की पाल पर कम हो जाएगा और वेलोसिटी फोर्स कम हो जाएगा। सीधे तौर पर पानी का प्रेशर पाल पर नहीं आ रहा है। बांध के पास पहाड़ी से पाल को मिट्टी का भराव का सहारा दिया जा रहा है। इसके अलावा पहाड़ी के पास से पानी को चैनल बनाकर निकालने के लिए पोकलेन से युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है।

जलसंसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया है कि कारम डेम लीकेज के संबंध में विशेषज्ञों की जांच समिति गठित कर दी गई है। समिति को शीघ्र प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में लापरवाही पाए जाने पर दोषियों को चिन्हित कर कड़ी वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कारम डेम के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों पर शासन-प्रशासन लगातार सक्रियता और संवेदनशीलता से कार्य कर रहा है। जल संसाधन विभाग मंत्री सिलावट विगत 24 घंटे से बांध स्थल पर ही मौजूद हैं। मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव भी उनके साथ हैं। संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा भी अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार मौक़े पर हैं।

डेम में हो रहे लीकेज की स्थिति का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वल्लभ भवन स्थित सिचुएशन रूम से खुद पल पल का आंकलन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए धार जिला प्रशासन से वस्तुस्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। उनके साथ मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस राजौरा, एसीएस एसएन मिश्रा समेत संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहते हैं।  उन्होंने सभी ग्रामवासियों को आश्वस्त किया है कि किसी भी प्रकार की जन धन हानि नहीं होने दी जाएगी और सभी इंतजाम सुनिश्चित कर लिए गए हैं।

डेम की जद में आने वाले 18 गांवों के लोगों को बचाने और डेम की मरम्मत करने की कमान सेना ने संभाल रखी है। इसी बीच एक युवक ने डेम निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। युवक का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी खासा वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे शख्स ने डेम निर्माण में ठेकेदार और जिम्मेदारों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, उसने पिछले तीन महीने से संबंधित विभाग से लेकर प्रशासन में तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर तक से इस संबंध में शिकायत की है।

युवक का आरोप है कि, उसने इससे जुड़े फोटो और वीडियो प्रमाण के तौर पर सॉफ्ट कॉपी के माध्यम से संबंधित विभागों को भी दिए हैं, जिसकी रिसीविंग भी उसके पास है। इसके बावजूद एक भी अधिकारी हरकत में नहीं आया। युवक का आरोप है कि, उसने पुल निर्माण में हो रही खामियों को न सिर्फ जिला स्तर पर, बल्कि खुद के खर्च पर भोपाल तक जाकर इसकी शिकायत की है। लेकिन, कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई।

युवक सोशल मीडिया पर युजर्स से वीडियो को अधिक से अधिक वायरल करने और भ्रष्टाचार में लिप्त जिम्मेदारों को जेल पहुंचाने में मदद करने की अपील कर रहा है। युवक ने कहा कि अब अगर ये डेम फूट जाएगा, तो उसका खामियाजा डेम के पानी की जद में आने वाले हजारों लोगों की जान माल से भुगतना होगा।

Back to top button