मध्य प्रदेश

दोनों डोज लगवा चुके 69 साल के बुजुर्ग ने तोड़ा दम, आंकड़ा पहुंचा 1392…

इंदौर। साढ़े चार महीने बाद 69 साल के बुजुर्ग ने कोरोना से दम तोड़ दिया। इससे पहले 29 जून को आखिरी बार कोरोना से मौत दर्ज हुई थी।  बुजुर्ग को दोनों डोज लग चुके थे। वे शुगर के भी मरीज थे। मौत 14 नवम्बर को हुई थी। दाह संस्कार भी इसी दिन कर दिया गया था। लेकिन, रिकॉर्ड पर 15 नवम्बर को लिया गया। वह सरकारी MRTB हॉस्पिटल में एडमिट थे। बुजुर्ग की मौत के साथ इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1392 हो गई है।

CMHO डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि मरीज मूलत: इंदौर के रहने वाले थे। शुगर बिगड़ने पर परिजन उन्हें एक 8 नवम्बर को उनका कोरोना सैंपल लिया गया था। रिपोर्ट 9 नवम्बर को आई, जिसमें उन्हें पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद उन्हें MRTB हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। मेडिकल टीम ने बुजुर्ग के परिवार, नजदीकी लोगों और घर के आसपास जाकर भी सैंपल लिए। उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली और न ही कोई पॉजिटिव मिला। यह केस Corbilities (साथ में अन्य बीमारियां भी) का है, क्योंकि मरीज को शुगर भी थी। परिजन विशेष हॉस्पिटल ले गए थे। वहां पॉजिटिव आने के बाद MRTB हॉस्पिटल में रेफर किया गया था।

MRTB में आमतौर पर सामान्य सर्दी-खांसी वालों को एडमिट नहीं किया जाता। यहां चेस्ट इन्फेक्शन व चेस्ट संबंधी बीमारियों के लिए मरीजों को एडमिट किया जाता है। यहीं कोविड मरीजों को भी एडमिट किया जाता है। CMHO डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि मरीज संभवत: Comorbilities था। इसे लेकर पूरी क्लीनिकल हिस्ट्री जुटाई जा रही है।

14 नवंबर को 3643 सैंपल टेस्ट किए गए थे। इनमें 4 सैंपल खारिज हुए, जबकि 1 केस पॉजिटिव पाया गया। 1 मौत हुई। इसे मिलाकर इंदौर में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1392 हो गया। अब तक 153278 पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें 151681 पूरी तरह स्वस्थ हैं। अभी फिलहाल 25 एक्टिव मरीज हैं। इंदौर में दूसरा डोज 70 फीसदी हो चुका है। 30 नवम्बर तक 100 फीसदी करने का टारगेट है।

एक्सपर्ट व्यू

CMHO डॉ. बीएस सैत्या के मुताबिक दोनों डोज के बाद भी पूरी एहतियात जरूरी है।कोरोना वैक्सीन का पहला डोज यानी 45 फीसदी सुरक्षा और दोनों डोज यानी 90-95 फीसदी सुरक्षा। किसी भी वैक्सीन की 100 फीसदी गारंटी नहीं होती। इसे लेकर अभी वर्ल्ड लेवल पर रिसर्च चल रहा है। इसलिए लोग पूरी एहतियात भी रखें।

कई बार मरीज को दूसरी बीमारियां होती हैं। ऐसे में कोरोना पॉजिटिव होने पर मौत हो जाने के बाद कारण कोरोना माना जाता है, लेकिन मुख्य बीमारी हृदय, शुगर, किडनी आदि की होती हैं। वैसे इस मामले में संबंधित मरीज के लिए गए सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग के सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद पता चल सकता है कि इसमें कोरोना वायरस का नया वैरिएंट तो नहीं है।

इन दिनों कई लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री ही मिल रही है। जैसे बेंगलूरु, महाराष्ट्र, हरिद्वार आदि से लोग आते हैं, तो संक्रमित हो जाते हैं। बुजुर्गों पर विशेष ध्यान दें। उन्हें सामूहिक कार्यक्रम, सफर से दूर रखें। बढ़ती उम्र के साथ इम्यूनिटी कम हो जाती है।

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