मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के 12 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को दी जाएगी कैशलेस इलाज की सुविधा, घर पर ही करा सकेंगे 20 हजार तक का इलाज ….

भोपाल।  मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में कर्मचारियों के इलाज के लिए जारी किए गए नए नियम से बनी भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए सरकार ने नई योजना बनाई है। सरकार अब अपने 12 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स के इलाज के लिए कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना लाने जा रही है। स्वास्थ्य और वित्त विभाग योजना को अंतिम रूप देने में हुटा है। बीमा की राशि का प्रीमियम कितना काटा जाएगा और कितने तक इलाज कवर होगा, इस बारे में ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसे सीनियर सेक्रेटरी कमेटी से सहमति के बाद कैबिनेट में लाया जाएगा।

प्रस्तावित बीमा योजना के अनुसार 7 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स इसके दायरे में आएंगे। इसकी बड़ी वजह यह है कि कर्मचारियों का इलाज तय नियमों के हिसाब से सरकार कराती है, लेकिन पेंशनर्स को खुद इलाज कराना पड़ता है। वह भी तब जब आयु 62 वर्ष से ज्यादा हो जाती है, उस समय उन्हें इलाज की भी जरूरत होती है। इसे देखते हुए बीमा योजना में कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों को शामिल किया जाना प्रस्तावित किया गया है।

इलाज का खर्च 5 लाख से ज्यादा आने पर कैबिनेट की अनुमति लेना जरूरी होगा। प्रस्तावित योजना के मुताबिक इसके लिए  क्लास-1 रेंक से 800 रुपए, क्लास-2 से 600 रुपए, क्लास-3 से 400 रुपए और क्लास-4 से 200 रुपए की प्रीमियम राशि काटे जाना प्रस्तावित है। हालांकि प्रारंभिक आकलन के हिसाब से 300 करोड़ रुपए हर महीने प्रीमियम के जमा होंगे, जो सालाना 3600 करोड़ रुपए होंगे। प्रीमियम की राशि को लेकर अभी अंतिम फैसला होना है।

अब तक हर महीने कर्मचारी स्वास्थ्य नियमों के हिसाब से 3000 रुपए तक की राशि चिकित्सक से परामर्श के बाद ले सकते थे। नए नियमों में इसे बढ़ाकर 8000 रुपए कर दिया गया है। वहीं, सिविल सर्जन की अनुमति के बाद पहले 3000 रुपए का इलाज लेने के बाद कर्मचारी 2 लाख रुपए तक का इलाज ले सकते थे, अब ये लिमिट 20 हजार रुपए होगी। प्रदेश में 5 लाख शासकीय कर्मचारी हैं, जिनके इलाज के लिए 180 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

अब कर्मचारी डॉक्टर की सलाह पर साल में 8 हजार रुपए का इलाज घर पर ही स्वास्थ्य लाभ लेकर कर सकते हैं। इससे ज्यादा राशि की जरूरत पड़ने पर उन्हें सिविल सर्जन की अनुमति लेना होगी। पूरे साल में 20 हजार रुपए तक के इलाज की पात्रता होगी। यदि बीमारी गंभीर है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना होगा, जिसमें सीजीएचएस स्कीम में कवर बीमारियों का इलाज मिलेगा।

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