मध्य प्रदेश

नागदा की दौड़ में अब श्रेय लेने की होड़ शुरू : बीजेपी और कांग्रेस दोनों कर रहे अपने-अपने दावे

उज्जैन। नागदा को जिला बनाने की घोषणा गुरुवार को सीएम शिवराज ने अपने दौरे में क्या कर दी, अब श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस के अपने-अपने दावे हैं जिला बनाने के लिए उनके अथक प्रयास से ही आज नागदा जिला बनने की कवायद में आ पहुंचा है। इसी बीच विधानसभा चुनाव की जद्दोजहद में नेताओं के आश्वासन सब कुछ समझ में आने लगे हैं।

गुरुवार को नागदा उज्जैन से अलग कर जिला बनाने की घोषणा मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने क्या कर दी, बीजेपी और कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई। बीजेपी तो सीएम के जाने के बाद से ही नागदा को जिला बनाने की कोशिश को अपना संघर्ष निरूपित कर रही है वहीं कांग्रेस यह कहने से नहीं चूक रही है कि यह कवायद तो उन्होंने ही शुरू की थी और जिला बनाने की घोषणा तो तत्कालीन सीएम कमलनाथ पहले ही कर चुके हैं। ऐसे में नागदा जिला बनने के पहले ही उज्जैन और नागदा के विधायकों के राजनीतिक वाक युद्ध का केंद्र बन चुका है।

गुरुवार को हेलीकॉप्टर के नजदीक बिजली गिरने के बाद आई तकनीकी खराबी से सीएम शिवराज को सडक़ के रास्ते भोपाल जाना पड़ा, वह अभी राजधानी भोपाल पहुंचे ही थे कि उसके पहले ही कांग्रेस ने अगले दिन की रणनीति बना ली और शुक्रवार शाम को नागदा खाचरोद के विधायक दिलीप गुर्जर अपने साथी विधायक आलोट मनोज चावला,घट्टिया विधायक रामलाल मालवीय, विधायक महेश परमार को साथ लेकर उज्जैन पहुंचे और उन्होंने मीडिया से बातचीत की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक दिलीप गुर्जर ने बताया कि नागदा को जिला बनाने की तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंत्रिपरिषद की बैठक में सम्मति से प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार परिवर्तन होने के कारण गजट नोटिफिकेशन की कार्यवाही शेष रह गई थी। भाजपा सरकार ने 39 माह से जिला बनाने की दावे आपत्तियां और कार्यवाही लंबित रखी। अगर देखा जाए तो विभाग की फाइलों में तो नागदा जिला बन ही चुका है। विधायक नागदा ने यहां तक कहा कि भाजपा सरकार ने दो बार नागदा को जिला बनाने का प्रस्ताव निरस्त किया अब जब विधानसभा चुनाव सिर पर आ गए हैं तो शिवराज नागदा को जिला बनाने की नाटकीय घटनाक्रम को अंजाम दे रहे।

पूर्व विधायक शेखावत ने विधायक गुर्जर की बातों को मनगढ़ंत करार दिया

नागदा के पूर्व भाजपा विधायक दिलीप सिंह शेखावत ने कहा कि शिवराज जी ने 2018 मे यह कहा था कि मैं नागदा को जिला बनाने से नहीं हिचकूंगा। उन्होंने नागदा को तब जिला बनाने की घोषणा नहीं की थी। ऐसे में गोविंद सिंह राजपूत झूठ तो कह ही नहीं सकते। 2019 में हमारी सरकार नहीं बनी और जो सरकार कांग्रेस की बनी थी वह तो अल्पमत वाली थी और कांग्रेसी अल्पमत वाली सरकार के लिए गए फैसले पर कैसे इंप्लीमेंट किया जा सकता था। अब महिदपुर को अलग हटाकर नागदा को जिला बनाने की कवायद शुरू हुई है और मुख्यमंत्री की घोषणा भी इसी परिपेक्ष में है। दिलीप गुर्जर का वर्किंग स्टाइल ही ऐसा है कि वह कुछ करते नहीं और सिर्फ श्रेय लेने की होड़ में लगे रहते हैं।

दो बार जिला बनाने की घोषणा शिवराज ने की एक बार फिर पुनरावृति

विधायक नागदा दिलीप गुर्जर ने प्रेस को यह बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2013 व 18 की जन आशीर्वाद यात्रा में चुनाव प्रचार के दौरान नागदा को जिला बनाने की घोषणा की थी। इस संबंध में विधानसभा में पूछे गए प्रश्न क्रमांक 56 (653) 21 दिसंबर 2022 के उत्तर में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने नागदा को जिला बनाने की कोई घोषणा नहीं की।

दोनों विधायकों ने कलेक्टर से मुलाकात कर प्रस्ताव और सहमति दी

नागदा विधायक दिलीप गुर्जर और आलोट विधायक मनोज चावला ने ताकि नागदा खाचरोद आलोट ताल तहसीलों को मिलाकर जिला बनाने की प्रस्ताव हम दोनों विधायकों ने मिलकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को आज ही दे दिया है। अपनी सहमति पत्र के साथ उन्होंने यह भी कहा है कि शीघ्र ही प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें जिससे कि विधानसभा 2023 की आचार संहिता के पूर्व गजट नोटिफिकेशन कर दावे आपत्ति की समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर नागदा जिले का रूप लेकर कलेक्टर एसपी सहित अन्य जिला स्तरीय पदों की स्थापना का काम पूरा हो सके। इस मामले को लेकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम से भी इस प्रतिनिधि ने चर्चा करने का प्रयास किया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके।

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